UPTET Syllabus In Hindi 2023 - यूपीटेट पेपर -1, और पेपर -2 सिलेबस
उत्तर प्रदेश राज्य में हर साल शिक्षकों की योग्यता परीक्षण के लिए परीक्षा आयोजित की जाती है, हर साल की तरह इस साल भी यूपीटेट की परीक्षा की आयोजित की जाएगी, ऐसे में आज हम इस लेख के जरिए UPTET Syllabus In Hindi 2023 के बारे जमीन बताने वाले हैं, आपको इस परीक्षा में सफल होना है तो आपको इसके सिलेबस के बारे में जानना बेहद ही जरुरी है।
आपको बता दें की यूपीटेट के तहत 2 पेपर का आयोजन होता है, पहला पेपर प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों के लिए तथा दूसरा पेपर उच्च प्राथमिक के शिक्षकों के लिए होता है, ऐसे में आपको दोनों पेपरों के सिलेबस के बारे में पता होना आवश्यक है, आज इस लेख में आपको इसके सिलेबस और परीक्षा पैटर्न के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त होगी।
UPTET परीक्षा पैटर्न
नीचे आप इस UPTET Exam Pattern के बारे में विस्तारपूर्वक जान सकते हैं-
- यूपी टीईटी की परीक्षा के सभी प्रश्न वस्तुनिष्ठ (Objective) प्रकार के होंगे तथा प्रत्येक प्रश्न के लिए 1 नंबर निर्धारित होगा, हर प्रश्न के लिए चार विकल्प होगा तथा आपको इसमें से सही विकल्प को चुनना होगा।
- इस परीक्षा में किसी भी प्रकार का नकारात्मक अंकन नहीं होगा।
- प्रथम प्रश्न पत्र ऐसे व्यक्ति के लिए होगा जो 1 से 5 तक के लिए शिक्षक बनना चाहते हैं, द्वितीय प्रश्न पत्र ऐसे व्यक्ति के लिए होगा जो 6 से 8 तक के लिए शिक्षक बनना चाहते हैं।
- जो व्यक्ति 1 से 5 और 6 से 8 दोनों के शिक्षक बनना चाहते हैं उन्हें दोनों पेपरों में शामिल होना पड़ेगा।
- दोनों प्रश्नपत्रों की परीक्षा की अवधि 2:30 घंटे की होगी तथा प्रश्नो की संख्या 150 होगी।
नीचे आप तालिका के माध्यम से इसके परीक्षा पैटर्न के बारे में आप विस्तार से जान सकते हैं-
यूपीटेट पेपर – 1 परीक्षा पैटर्न
विषय | प्रश्नों की संख्या | अंक |
बाल विकास | 30 | 30 |
भाषा प्रथम- हिंदी | 30 | 30 |
भाषा द्वितीय- अंग्रेजी/ उर्दू/ संस्कृत | 30 | 30 |
गणित | 30 | 30 |
पर्यावरण अध्ययन | 30 | 30 |
कुल | 150 | 150 |
पेपर – 2 परीक्षा पैटर्न
विषय | प्रश्नों की संख्या | अंक |
बाल विकास | 30 | 30 |
भाषा प्रथम- हिंदी | 30 | 30 |
भाषा द्वितीय- अंग्रेजी/ उर्दू/ संस्कृत | 30 | 30 |
गणित & विज्ञान & सामाजिक विज्ञान | 60 | 60 |
कुल | 150 | 150 |
UPTET Syllabus In Hindi 2023
नीचे हमने टॉपिक और विषयवार UPTET सिलेबस की जानकारी दी है, ऐसे में आप इसे पढ़कर अपने परीक्षा की तैयारी इसके अनुरूप कर सकते हैं।
UPTET Paper -1 सिलेबस
विषय | टॉपिक्स |
बाल विकास और शिक्षाशास्त्र | विकास की अवधारणा और सीखने के साथ इसका संबंध, समावेशी शिक्षा की अवधारणा, सीखना और शिक्षाशास्त्र, विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को समझना |
भाषा- I (हिंदी) (अनिवार्य) | अपठित अनुच्छेद, हिंदी वर्णमाला (स्वर, व्यंजन), वर्णों के मेल से मात्रिक तथा अमात्रिक शब्दों की पहचान, वाक्य रचना, हिंदी की सभी ध्वनियों के पारस्परिक अंतर की जानकारी, हिंदी भाषा की सभी ध्वनियों, वर्णों अनुस्वार एव चन्द्रबिंदु में अंतर, संयुक्ताक्षर एवं अनुनासिक ध्वनियों के प्रयोग से बने शब्द, विराम चिह्नों यथा – अल्प विराम, अर्द्धविराम, पूर्णविराम, प्रश्नवाचक, विस्मयबोधक, चिह्नों का प्रयोग, विलोम, समानार्थी, तुकान्त, अतुकान्त, सामान, ध्वनियों वाले शब्द, वचन, लिंग एव काल, प्रत्यय, उपसर्ग, तत्सम तद्भव व देशज, शब्दों की पहचान एव उनमें अंतर, लोकोक्तियाँ एव मुहावरों के अर्थ, सन्धि – (1) स्वर सन्धि – दीर्घ सन्धि, गुण सन्धि, वृद्धि सन्धि, यण सन्धि, अयादि सन्धि (2) व्यंजन सन्धि (3) विसर्ग सन्धि, वाच्य, समान एव अंलकार के भेद, कवियों एव लेखकों की रचनाएँ, सभी प्रकार की मात्राएँ, आदि। |
हिंदी पेडागोजी - अधिगम और अर्जन, भाषा अध्यापन के सिद्धांत, सुनने और बोलने की भूमिका: भाषा का कार्य तथा बालक इसे किस प्रकार एक उपकरण के रूप में प्रयोग करते है, मौखिक और लिखित रूप में विचारों के संप्रेषण के लिए किसी भाषा के अधिगम में व्याकरण की भूमिका पर निर्णायक संदर्श, एक भिंन कक्षा में भाषा पढाने की चुनौतियाँ भाषा की कठिनाइयाँ त्रुटिया और विकार, भाषा कौशल, भाषा बोधगम्यता और प्रवीणता का मुल्यांकन करना: बोलना, सुनना, पढना, लिखना, अध्यापन – अधिगम सामग्रियां: पाठ्यपुस्तक, मल्टी मीडिया सामग्री, कक्षा का बहुभाषायी संसाधन, उपचारात्मक अध्यापन | |
गणित | संख्याओं का जोड़, घटाव, गुणा और भाग, एलसीएम और एचसीएफ, भिन्न और दशमलव संख्याओं का जोड़, घटाव, गुणा और भाग, एकात्मक विधि, प्रतिशत, लाभ हानि, साधारण ब्याज, ज्यामिति, आकार और प्रिज्म, क्षेत्रमिति। गणित शिक्षाशास्त्र: गणित की प्रकृति, अवधारणा और कार्य रणनीतियाँ, पाठ्यक्रम में गणित का स्थान, गणित की भाषा, गणित का समुदाय, गणित शिक्षण की समस्याएं, त्रुटियाँ, गणित शिक्षण का उपचारात्मक और निदान |
पर्यावरण अध्ययन | परिवार, भोजन, स्वास्थ्य और स्वच्छता, आश्रय, वनस्पति और जीव, हमारा पर्यावरण, स्थानीय व्यवसाय और व्यवसाय, परिवहन और संचार, खेल, भारत और राज्य, नदी, पहाड़, वन, पठार, महासागर, संविधान, पंचायत, प्रशाशन, राज्य की प्रशासनिक प्रणाली: प्रबंधकीय, न्यायिक, कार्यकारी, राष्ट्रीय त्योहार, प्रतीक, मतदान प्रणाली, राष्ट्रीय एकता, महत्व, और उपयोगिता, पर्यावरण संरक्षण, पर्यावरण के प्रति समाज के कर्तव्य, पर्यावरण संरक्षण के लिए नियोजित योजनाएं। पर्यावरण पेडागोजी: पर्यावरण अध्ययन की अवधारणा और कार्यक्षेत्र, पर्यावरण अध्ययन और एकीकृत पर्यावरण अध्ययन का महत्व, पर्यावरण अध्ययन और पर्यावरण शिक्षा, विज्ञान या सामाजिक विज्ञान की अवधारणा और उनका संबंध, सीखने के सिद्धांत, ईवीएस में दृष्टिकोणों की अवधारणा, परियोजना और व्यावहारिक कार्य, विचार – विमर्श, ईवीएस शिक्षण में समस्या |
UPTET Paper-2 सिलेबस
विषय | टॉपिक |
बाल विकास और शिक्षाशास्त्र | बाल विकास और शिक्षण, शिक्षण और शिक्षण के तरीके, सीखने का अर्थ और सिद्धांत, समावेशी शिक्षा – मार्गदर्शन और परामर्श, अध्ययन और शिक्षण |
भाषा- I (हिंदी) (अनिवार्य) | अपठित अनुच्छेद, संज्ञा एवं संज्ञा के भेद, सर्वनाम एवं सर्वनाम के भेद, विशेषण एवं विशेषण के भेद, क्रिया एवं क्रिया के भेद, वाच्य – कर्तवाच्य, कर्मवाच्य, भाववाच्य हिन्दी भाषा की समस्त ध्वनियों, संयुक्ताक्षरों, संयुक्त व्यंजनो, एवं अनुस्वार एवं चन्द्रबिन्दु में अन्तर, वर्णक्रम, पर्यायवाची, विपरीतार्थक, अनेकार्थक, समानार्थी शब्द , अव्यय के भेद, अनुस्वार, अनुनासिक का प्रयोग, “र” के विभिन्न रूपों का प्रयोग, वाक्य निर्माण (सरल, संयुक्त एवं मिश्रित वाक्य), विराम चिह्नों की पहचान एवं उपयोग, वचन, लिंग एवं काल का प्रयोग, तत्सम, तद्भव, देशज एवं विदेशी शब्द , उपसर्ग एवं प्रत्यय, शब्द युग्म, समास, समास विग्रह एवं समास के भेद, मुहावरे एवं लोकोक्तियाँ, क्रिया सकर्मक एवं अकर्मक, सन्धि एवं सन्धि के भेद, (स्वर, व्यंजन एवं विसर्ग सन्धियाँ), अलंकार (अनुप्रास, यमक, श्लेष, उपमा, रूपक, उत्प्रेक्षा, अतिशयोक्ति) |
भाषा विकास का अध्यापन | |
भाषा- II (अंग्रेजी/उर्दू/संस्कृत) | अदृश्य मार्ग, संज्ञा और उसके प्रकार, सर्वनाम और उसके प्रकार, क्रिया और उसके प्रकार, विशेषण और उसके प्रकार और डिग्री, क्रिया विशेषण और उसके प्रकार, पूर्वसर्ग और उसके प्रकार, संयोजन और उसके प्रकार, प्रतिच्छेदन, एकवचन और बहुवचन, विषय और विधेय, नकारात्मक और प्रश्नवाचक वाक्य, मर्दाना और स्त्रीलिंग, विराम चिह्न, मूल शब्दों के साथ प्रत्यय, वाक्यांश क्रिया, किसी का उपयोग, कोई नहीं, कोई भी, भाषण का हिस्सा, कथन, सक्रिय आवाज और निष्क्रिय आवाज, विलोम और समानार्थी, होमोफोन का उपयोग, का उपयोग वाक्यों में अनुरोध, शब्दों में मौन पत्र। |
गणित | संख्या प्रणाली और सरलीकरण, प्रतिशत और अनुपात, रेखीय समीकरण, साधारण ब्याज, चक्रवृद्धि ब्याज, बैंकिंग, आंकड़े, पाई चार्ट, समय, कार्य, गति और दूरी, बीजगणित और क्षेत्रमिति, ज्यामिति, ज्यामिति, औसत, लाभ-हानि |
गणित का शिक्षाशास्त्र | |
विज्ञान | विज्ञान, मानव विज्ञान और प्रौद्योगिकी, फाइबर और कपड़ा, जीवित और निर्जीव चीजें, पशु संरचना और कार्य, सूक्ष्मजीव, मानव शरीर, वयस्कता, भोजन, स्वास्थ्य, स्वच्छता, रोग, कृषि, जानवरों, पौधों में पोषण, में दैनिक चीज, मापन, विद्युत धारा, चुंबक, गति और शक्ति, ऊर्जा, कंप्यूटर, ध्वनि, प्रकाश, वायु, जल, उत्पाद, पर्यावरण, अम्ल, क्षार, ऊष्मा और तापमान, मानव निर्मित चीजें, धातु और अधातु, कार्बन और उसका यौगिक , ऊर्जा के स्रोत |
विज्ञान का शिक्षाशास्त्र | |
सामाजिक अध्ययन | इतिहास, नागरिकशास्र, भूगोल, पर्यावरण विज्ञान, गृह विज्ञान, शारीरिक शिक्षा और खेल, संगीत, बागवानी और फलों का संरक्षण |
सामाजिक अध्ययन शिक्षाशास्त्र |
UPTET Syllabus PDF
आशा है, आपको हमारे द्वारा दिया गया उपरोक्त सिलेबस उपयोगी लगा होगा, इसके अलावा अगर आप चाहें तो UPTET Syllabus PDF भी आधिकारिक वेबसाइट या हमारे द्वारा नीचे दिए गए लिंक के जरिए प्राप्त कर सकते हैं।
UPTET Syllabus In Hindi FAQs
क्या UPTET Syllabus हर साल बदलता है?
नहीं, UPTET Syllabus हर साल बदलता नहीं है, किसी बदलाव की स्थिति में उत्तर बेसिक शिक्षा बोर्ड आधिकारिक वेबसाइट पर UPTET पाठ्यक्रम में किए गए किसी भी बदलाव की सूचना देगा।
UPTET परीक्षा की अवधि कितनी होती है?
UPTET परीक्षा 150 मिनट (2.5 घंटे) की अवधि की होती है। UPTET परीक्षा पेन पेपर आधारित मोड में आयोजित की जाती है। उम्मीदवारों को 150 मिनट में 150 प्रश्नों का प्रयास करना है।
UPTET परीक्षा में कितने विषय होते हैं?
यूपीटेट परीक्षा में आने वाले विषय निम्नलिखित हैं-
◉ बाल विकास और शिक्षाशास्त्र
◉ भाषा
◉ भाषा-द्वितीय
◉ गणित
◉ पर्यावरण अध्ययन
◉ गणित और विज्ञान या सामाजिक अध्ययन